अमृत महोत्सव पर लोग ढूंढ रहे हैं तुम्हें मेरी तरह। अमृत महोत्सव पर लोग ढूंढ रहे हैं तुम्हें मेरी तरह।
रहते समय ही कर लें उपचार, निकल गया समय तो होगा सब बेकार। रहते समय ही कर लें उपचार, निकल गया समय तो होगा सब बेकार।
किसे मनाने चले हो तुम कौन तुम्हारा यहां अपना है ? पत्थर की इस दुनिया में, पत्थर जैसे किसे मनाने चले हो तुम कौन तुम्हारा यहां अपना है ? पत्थर की इस दुनिया में, ...
अपने शहर में यूँ, हमें यारी नही भाती। यहाँ मतलब के हैं लोग, जो हमको नहीं आती।। अपने शहर में यूँ, हमें यारी नही भाती। यहाँ मतलब के हैं लोग, जो हमको नह...
मीठे पानी से जो मुग्ध कर गया कुछ यूँ कि कितनी ही उम्र कि कितनी ही जिंदगियाँ बीतती गईं हम बदलते रहे द... मीठे पानी से जो मुग्ध कर गया कुछ यूँ कि कितनी ही उम्र कि कितनी ही जिंदगियाँ बीतत...
अंजाम-ए-सफर-ए-इश्क़ कुछ इस तरह से हुआ ! अंजाम-ए-सफर-ए-इश्क़ कुछ इस तरह से हुआ !